अनुलोम-विलोम प्राणायाम कैसे करे और उसके फायदे -Anulom Vilom pranayama in hindi|Anulom vilom pranayama steps and benefits in hindi
दोस्तों आज हम इस आर्टिकल में Anulom Vilom pranayama ke fayde (अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे),Anulom Vilom pranayama kaise kare (अनुलोम विलोम प्राणायाम कैसे करे) और इसको करते वक्त कोनसी बातो का ध्यान रखे उसके बारेमें बात करेंगे।
Anulom Vilom pranayama तीन शब्दों को मिलाकर बना है (अनुलोम+विलोम+प्राणायाम) जिसमें अनुलोम का मतलब दाहिना नथना होता है और विलोम का मतलब बायां नथना होता है और प्राणायाम का अर्थ साँस लेने की प्रक्रिया होता है।
अनुलोम विलोम प्राणायाम को कई लोग नाड़ी शोधन प्राणायाम भी कहते है क्युकी इस प्राणायाम की मदद से शरीर की सभी नाड़ीओ का शुद्धिकरण होता है और शरीर में ऑक्सीजन का प्रमाण बनाये रखता है। यह प्राणायाम बंध नाड़ीओ को खोलता है।
तो चलिए अब अनुलोम विलोम प्राणायाम कैसे करे और उसके फायदे क्या क्या है उसके बारेमें विस्तार से जानते है। कपालभाति प्राणायाम कैसे करे और उसके फायदे
अनुलोम विलोम प्राणायाम/नाड़ी शोधन प्राणायाम क्या है?
अनुलोम विलोम प्रणायाम बहोंत ज्यादा लाभ देनेवाला सरल प्रणायाम है। अनुलोम विलोम प्राणायाम "नाड़ी शोधन प्राणायाम"(नाड़ी=सूक्ष्म ऊर्जा प्रणाली; शोधन=सफाई, शुद्धि; प्राणायाम=साँस लेने की प्रक्रिया) से भी जाना जाता है। अनुलोम विलोम प्राणायाम को अंग्रेजी में Alternate Nostril Breathing भी कहते है।Anulom Vilom pranayama तीन शब्दों को मिलाकर बना है (अनुलोम+विलोम+प्राणायाम) जिसमें अनुलोम का मतलब दाहिना नथना होता है और विलोम का मतलब बायां नथना होता है और प्राणायाम का अर्थ साँस लेने की प्रक्रिया होता है।
अनुलोम विलोम प्राणायाम को कई लोग नाड़ी शोधन प्राणायाम भी कहते है क्युकी इस प्राणायाम की मदद से शरीर की सभी नाड़ीओ का शुद्धिकरण होता है और शरीर में ऑक्सीजन का प्रमाण बनाये रखता है। यह प्राणायाम बंध नाड़ीओ को खोलता है।
तो चलिए अब अनुलोम विलोम प्राणायाम कैसे करे और उसके फायदे क्या क्या है उसके बारेमें विस्तार से जानते है। कपालभाति प्राणायाम कैसे करे और उसके फायदे
अनुलोम-विलोम प्राणायाम कैसे करे - Anulom vilom pranayama steps in hindi
1. सबसे पहले एक शांत जगह(नदी किनारा,बगीचा) का चुनाव करे और वहां पे मैट या चादर बिछाए।
2. अब अपनी सुविधानुसार आरामदायक आसन में बैठ जायें। (आप पद्मासन, सिद्धासन की स्थिति मे बैठ सकते है)
3. मन को शांत कर लें और दाहिने हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं नथना को बंद कर लें। अब नाक के बाएं नथना से 3 तक की गिनती में सांस को भरे।
4. अब बायीं नथना को अंगूठे के बगल वाली दो अंगुलियों से बंद कर दें। इतना करने के बाद आप दाहिनी नथना से अंगूठे को हटा दें और सांस को धीरे धीरे बाहर छोड़े। शीतली प्राणायाम कैसे करे और उसके फायदे
2. अब अपनी सुविधानुसार आरामदायक आसन में बैठ जायें। (आप पद्मासन, सिद्धासन की स्थिति मे बैठ सकते है)
3. मन को शांत कर लें और दाहिने हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं नथना को बंद कर लें। अब नाक के बाएं नथना से 3 तक की गिनती में सांस को भरे।
5. अब 3 नम्बर मुद्दे का उल्टा यानि की अब दायीं नथना से सांस को 3 की गिनती तक भरे।
7. इतनी प्रक्रिया करने से अनुलोम विलोम प्राणायाम का एक चक्र पूरा होता है।
8. इस प्राणायाम को 5 से 15 मिनट तक कर सकते है। लेकिन शरुआती अभ्यास में आपको इस प्राणायाम को 5 मिनिट तक ही करना चाहिए।
6. अब दायीं नथना को बंद करके बाएं नथना खोलकर सांस को 6 की गिनती में धीरे धीरे बाहर निकालें।
7. इतनी प्रक्रिया करने से अनुलोम विलोम प्राणायाम का एक चक्र पूरा होता है।
8. इस प्राणायाम को 5 से 15 मिनट तक कर सकते है। लेकिन शरुआती अभ्यास में आपको इस प्राणायाम को 5 मिनिट तक ही करना चाहिए।
अनुलोम विलोम प्राणायाम करने का समय
अनुलोम विलोम प्राणायाम जल्दी सुबह दिन निकलने से पहले करना चाहिए।अनुलोम-विलोम प्राणायाम के फ़ायदे - Anulom vilom pranayama benefits in hindi
1. अनुलोम विलोम प्राणायाम मन को शांत करता है।
2. यह प्राणायाम के अभ्यास से शरीर की नाड़ीओ का शुद्धीकरण होता है और खून को साफ करता है।
3. अनुलोम विलोम प्राणायाम तनाव और थकान को दूर करके मन की एकाग्रता बढ़ाता है।
4. पाचनतंत्र को मजबूत करता है।
5. इस प्राणायाम का नियमित अभ्यास से बुढ़ापा लेट आता है। और बुढ़ापे में भी एनर्जी बनी रहती है।
6. शरीर का तापमान कम नहीं होने देता।
7. अस्थमा के मरीजों के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम बहुत फायदेमंद है।(डॉक्टर की सलाह जरूर लें)
8. ध्यान केंद्रित करने के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम बहोत अच्छा है।
9. शरीर में ऑक्सीजन लेवल बनाये रखता है और श्वसन तंत्र को मजबूत करता है।
10. अनुलोम विलोम प्राणायाम से उच्च रक्तचाप दूर होता है।
11. माइग्रेन के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम का अभ्यास फायदेमंद है।
12. कब्ज और पेट की अन्य समस्या को दूर करता है।
13. अनुलोम विलोम प्राणायाम त्वचा की चमक बढ़ाता है।
2. यह प्राणायाम के अभ्यास से शरीर की नाड़ीओ का शुद्धीकरण होता है और खून को साफ करता है।
3. अनुलोम विलोम प्राणायाम तनाव और थकान को दूर करके मन की एकाग्रता बढ़ाता है।
4. पाचनतंत्र को मजबूत करता है।
5. इस प्राणायाम का नियमित अभ्यास से बुढ़ापा लेट आता है। और बुढ़ापे में भी एनर्जी बनी रहती है।
6. शरीर का तापमान कम नहीं होने देता।
7. अस्थमा के मरीजों के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम बहुत फायदेमंद है।(डॉक्टर की सलाह जरूर लें)
8. ध्यान केंद्रित करने के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम बहोत अच्छा है।
9. शरीर में ऑक्सीजन लेवल बनाये रखता है और श्वसन तंत्र को मजबूत करता है।
10. अनुलोम विलोम प्राणायाम से उच्च रक्तचाप दूर होता है।
11. माइग्रेन के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम का अभ्यास फायदेमंद है।
12. कब्ज और पेट की अन्य समस्या को दूर करता है।
13. अनुलोम विलोम प्राणायाम त्वचा की चमक बढ़ाता है।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम करते वक्त इन बातों का ध्यान रखे - Anulom vilom pranayama precaution in hindi
1. अनुलोम विलोम प्राणायाम गर्भवती महिला को नहीं करना चाहिए।
2. हदय रोग के मरीजों को डॉक्टर की सलाह बिना अनुलोम विलोम न करें।
3. साँस लेते समय ज्यादा जोर न दे और साँस को अपनी क्षमता के अनुसार ही रोके।
4. अनुलोम विलोम प्राणायाम करते वक्त साँस नाक से ही लें साँस को मुँह से नहीं लेना चाहिए।
5. प्राणायाम करते वक्त नथनों पर उंगलियों द्वारा आराम से दबाएं ज्यादा जोर न दे।
6. अनुलोम विलोम प्राणायाम के अभ्यास करते वक्त साँस लेने के समय से साँस छोड़ने का समय दुगना होना चाहिए।
योग शरीर और मन को शांत और शरीर का विकास करता है।योग के बहोत सारे शारीरिक और मानसिक फ़ायदे हैं लेकिन इसका उपयोग किसी दवा की जगह नही किया जाना चाहिए। यह जरुरी हे की कोई भी योगासन करते समय किसी योग प्रशिक्षक के निर्देशानुसार ही सीखें और करें।अगर आपको कोई शारीरिक दुविधा है तो योगासन करने से पहले अपने योग प्रशिक्षक या किसी भी डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें।
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